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उत्तराखंड के शहरों को मिलेगा नया इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट, यूरोपियन निवेश बैंक से 238 मिलियन डॉलर का ऋण स्वीकृत

 

 

 

 

TMP: उत्तराखंड के शहरी विकास को नई दिशा देने के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (EIB) द्वारा 238 मिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दे दी गई है। इस संबंध में मंगलवार को उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, आवास एवं शहरी मंत्रालय (महुआ) और केंद्रीय लोक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण अभियंत्रिकी संस्थान (सीपीएचईईओ) के वरिष्ठ अधिकारियों से वर्चुअल बैठक की।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

इससे पहले सोमवार को उत्तराखंड की मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हाई पावर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई, जिसमें यूयूएसडीए की विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि ऋण समझौते से जुड़ी सभी केंद्रीय औपचारिकताएं शीघ्र पूरी की जाएं, ताकि वित्तीय सहयोग जल्द ही उपलब्ध हो सके।

80:20 के अनुपात में होगा फंडिंग, इन शहरों को मिलेगा फायदा

इस ऋण का 80% (191 मिलियन डॉलर) यूरोपियन निवेश बैंक द्वारा और 20% (47 मिलियन डॉलर) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस परियोजना के तहत उत्तराखंड के चार प्रमुख शहरों— रुद्रपुर, सितारगंज, पिथौरागढ़ और काशीपुर में पेयजल और सीवरेज सिस्टम को मजबूत किया जाएगा।

वर्चुअल बैठक में शामिल रहे केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी

इस वर्चुअल बैठक में भारत सरकार की ओर से श्रीमती अर्पणा भाटिया (मुख्य सलाहकार, वित्त मंत्रालय), श्रीमती रजनी तनेजा (निदेशक, वित्त मंत्रालय), डॉ. रमाकांत (विशेषज्ञ सलाहकार, महुआ), श्री पंकज गंगवार (अनु सचिव, आर्थिक कार्य विभाग) एवं श्री बी.के. चौरसिया (विशेषज्ञ सलाहकार, सीपीएचईईओ, महुआ) मौजूद रहे।

वहीं, उत्तराखंड सरकार की ओर से श्री गौरव कुमार (अपर निदेशक, शहरी विकास विभाग), श्री विनय मिश्रा (अपर कार्यक्रम निदेशक, यूयूएसडीए) एवं श्री संजय तिवारी (उप कार्यक्रम निदेशक, यूयूएसडीए) बैठक में शामिल हुए।

अगले माह होगी औपचारिकता पूरी, दस्तावेजों पर होंगे हस्ताक्षर

बैठक में तय किया गया कि आगामी माह में ऋण समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा और आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस वित्तीय सहायता से उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने में अहम योगदान मिलेगा।

 

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