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गूंजे गांधीजी के भजन, बहीं श्रद्धा की धारा : श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में बापू को नम आंखों से श्रद्धांजलि

 

 

 

 

देहरादून: अहिंसा और सत्य के पुजारी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में श्रद्धा और संकल्प का अनोखा संगम देखने को मिला। राष्ट्रपिता को याद करते हुए विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और फैकल्टी सदस्यों ने 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पूरा परिसर बापू की शिक्षाओं और उनके आदर्शों की गूंज से भर गया।

भजनों के सुरों में बसी बापू की स्मृति

कार्यक्रम की सबसे खास बात रही जब फैकल्टी और छात्र-छात्राओं ने भावुक मन से “वैष्णव जन तो तेने कहिए, पीड़ पराई जाने रे” का सामूहिक जाप किया। यह वही भजन है, जिसे बापू ने अपने जीवन का आधार माना था। भजन की गूंज ने पूरे माहौल को श्रद्धा और भावनाओं से भर दिया, मानो खुद गांधीजी के विचार वहां जीवंत हो उठे हों।

गांधीजी के विचार आज भी प्रासंगिक: प्रो. कुमुद सकलानी

इस अवसर पर एसजीआरआरयू की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार और सिद्धांत आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरित करते हैं। सत्य, अहिंसा और सेवा का उनका संदेश हर पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक रहेगा। उन्होंने छात्रों से गांधीजी के आदर्शों को आत्मसात करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आह्वान किया।

पूरे विश्वविद्यालय ने दी श्रद्धांजलि

कार्यक्रम में एसजीआरआरयू के कुलसचिव डॉ. लोकेश गंभीर, डायरेक्टर आई.क्यू.ए.सी डॉ. दिव्या जुयाल सहित विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, प्रोफेसर और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने महात्मा गांधी के दिखाए मार्ग पर चलने और उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

शांति और सेवा के पथ पर बढ़ने का संकल्प

गांधीजी सिर्फ इतिहास के पन्नों में सिमटने वाले नाम नहीं हैं, बल्कि उनके विचार आज भी दुनिया को रास्ता दिखा रहे हैं। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने इस बात को साबित कर दिया कि बापू का संदेश आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।

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