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आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश: भारत लाया गया लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी सलमान रहमान खान

 

 

TMP: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी मिली है। इंटरपोल और नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) की मदद से रवांडा में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी सलमान रहमान खान को भारत लाया गया। सलमान, बेंगलुरु जेल आतंकी साजिश मामले में आरोपी है और उस पर कट्टरपंथ फैलाने व विस्फोटकों की आपूर्ति का आरोप है।

जेल से शुरू हुई आतंकी कनेक्शन की कहानी
2018 से 2022 के बीच POCSO एक्ट के तहत बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में सजा काटते हुए सलमान की मुलाकात आतंकवादी सलमान टी नसीर से हुई। नसीर ने जेल के भीतर ही उसे कट्टरपंथी बनाया और आतंकी मॉड्यूल खड़ा करने में मदद की। सलमान, हथियारों और विस्फोटकों की खरीद-फरोख्त में नसीर का सहायक बन गया।

रवांडा में छिपा था भगोड़ा
बेंगलुरु जेल आतंकी साजिश का खुलासा होने के बाद सलमान भारत से भाग निकला और रवांडा में शरण ली। एनआईए की जांच में उसके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद अगस्त 2024 में इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया। इसके आधार पर रवांडा अधिकारियों ने सलमान को राजधानी किगाली से गिरफ्तार किया।

NIA की उपलब्धि
गुरुवार को सलमान को औपचारिक रूप से एनआईए को सौंप दिया गया। 2024 में भारत ने इंटरपोल के सहयोग से 26 भगोड़ों को देश वापस लाने में सफलता हासिल की है। इन आरोपियों में आतंकवाद से लेकर यौन अपराधों तक के अपराधी शामिल हैं।

आतंकवाद के खिलाफ भारत का मजबूत संदेश
सलमान की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद विरोधी नीतियों की मजबूती को दर्शाता है। यह सफलता भारतीय एजेंसियों की प्रभावशाली कार्यक्षमता और वैश्विक साझेदारी का उदाहरण है।

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