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उत्तराखंड पुलिस का बड़ा कदम: नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर मंथन, उन्नत तकनीक पर जोर

 

 

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। आज, 26 नवंबर 2024 को पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय के सभागार में एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें न्याय, अभियोजन, एफएसएल, साइबर क्राइम और कारागार विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्य निर्देश:

  1. उन्नत तकनीकी उपकरण: सभी विभागों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, मशीनों और उपकरणों की कीमतों और तकनीकी एकरूपता सुनिश्चित की जाएगी।
  2. तीन स्तरीय मांग प्रक्रिया: मुख्यालय, जिला, और फील्ड स्तर पर उपकरणों की मांग सूची तैयार की जाएगी।
  3. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग साक्ष्य: हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अधिसूचित स्थान चिन्हित किए जाएंगे, और एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी।
  4. सीमावर्ती राज्यों से समन्वय: अन्य राज्यों के तकनीकी उपकरणों की जानकारी लेकर उन्नत विकल्पों को प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।
  5. जन जागरूकता अभियान: नए कानूनों के बारे में आम जनता को शिक्षित करने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

तकनीकी और कानूनी पहलुओं पर जोर

गोष्ठी में उन्नत तकनीक का महत्व रेखांकित किया गया। एफएसएल निदेशक डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने उन्नत मशीनों की जरूरत पर प्रकाश डाला, जबकि अपर सचिव, न्याय रजनी शुक्ला ने न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और तकनीकी उपयोग के लाभ बताए।

उपस्थित अधिकारियों का योगदान

इस बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक विम्मी सचदेवा, नीलेश आनंद भरणे, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विचार साझा किए। बैठक का उद्देश्य सभी विभागों के समन्वय से अपराध नियंत्रण और न्याय प्रक्रिया को मजबूत करना था।

जनता से सीधा संवाद

पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर जोर दिया कि जनता को नए कानूनों के प्रति जागरूक किया जाए। साथ ही, अपराध के मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही की सुविधा से न्याय प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया जा सकेगा।

 

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