एजेंसी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर 14 भारतीय मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है। इन मछुआरों को इस साल 3 जनवरी को गुजरात के पोरबंदर से मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तानी नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया था। पकड़े गए मछुआरों में सात तमिलनाडु के हैं। उनकी नौकाओं को भी जब्त कर लिया गया है।
मछुआरों और उनके परिवारों पर संकट
मुख्यमंत्री स्टालिन ने पत्र में कहा कि लगभग 10 महीने से हिरासत में रह रहे मछुआरों के परिवार गंभीर वित्तीय और भावनात्मक संकट झेल रहे हैं। कमाने वाले सदस्यों की अनुपस्थिति से उनकी आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस मानवीय मुद्दे को राजनयिक चैनलों के माध्यम से जल्द हल करने की आवश्यकता है।
स्टालिन ने जयशंकर से आग्रह किया कि मछुआरों की रिहाई के साथ-साथ जब्त की गई मछली पकड़ने वाली नौकाओं को भी वापस लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, क्योंकि ये उनके परिवारों की आजीविका के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
मछुआरों की सुरक्षा पर लगातार चिंता
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री स्टालिन ने मछुआरों की रिहाई का मुद्दा उठाया है। हाल ही में उन्होंने श्रीलंका में गिरफ्तार भारतीय मछुआरों की बढ़ती संख्या पर भी जयशंकर को पत्र लिखा था। उन्होंने चिंता व्यक्त की थी कि 2024 में श्रीलंका द्वारा मछुआरों की गिरफ्तारी के मामले पिछले सात वर्षों में सबसे ज्यादा हैं।
समाधान के लिए ठोस कदम जरूरी
तमिलनाडु सरकार ने मछुआरा समुदाय की सुरक्षा के लिए लगातार केंद्र से अपील की है। राज्य सरकार का कहना है कि मछुआरे अक्सर विवादित जलक्षेत्र में मछली पकड़ने जाते हैं, जिससे वे विदेशी नौसेनाओं की कार्रवाई का शिकार हो जाते हैं। अब यह देखना बाकी है कि केंद्र सरकार उनकी रिहाई के लिए क्या ठोस कदम उठाती है।