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2028 तक भारत का पहला 5.5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान होगा तैयार: आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता की दिशा में बड़ी छलांग

एएनआइ : भारत अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। 2028 तक भारत का पहला 5.5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) परियोजना पर हाल ही में भारतीय वायुसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच विस्तार से चर्चा हुई और इसका रोडमैप तैयार किया गया।

स्टील्थ और भारी हथियार क्षमता के साथ 27 टन वजनी विमान:

5.5वीं पीढ़ी के एएमसीए को एक स्टील्थ विमान के रूप में डिजाइन किया जाएगा, जिसका वजन 27 टन होगा। यह विमान अत्यधिक वजन वाले हथियारों को ले जाने में सक्षम होगा और इसमें ऐसी क्षमताओं का विकास किया जाएगा जो इसे गुप्त तरीके से मिसाइलें ले जाने में समर्थ बनाएगी।

पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार, 2035 से बड़े पैमाने पर उत्पादन:

वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अगर इंजन और अन्य आवश्यक कार्य समय पर पूरे होते हैं, तो इसका पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार हो जाएगा। विमान को विकसित और तैयार करने में कुल छह-सात वर्षों का समय लगेगा, जबकि इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन की शुरुआत 2035 तक होने की उम्मीद है।

डीआरडीओ करेगा साझीदारों का चयन:

विमान परियोजना के लिए डीआरडीओ विकास एवं उत्पादन साझीदार का चयन करेगा, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल होंगी। इस बीच, 4.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का प्रोटोटाइप अब 2026 में तैयार होने की उम्मीद है, जो एक साल की देरी के साथ पूरा होगा।

भारत के इस महत्वाकांक्षी प्रयास से देश की रक्षा क्षमता में न केवल वृद्धि होगी, बल्कि इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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