चंपावत/बनबसा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को भारत-नेपाल सीमा पर निर्माणाधीन फोरलेन मार्ग का निरीक्षण किया, जो नेपाल के ड्रायपोर्ट (सूखा बंदरगाह) तक जाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से परियोजना की प्रगति रिपोर्ट ली और समयसीमा, गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।
निरीक्षण के प्रमुख बिंदु:
1. 250 करोड़ की रणनीतिक सड़क
यह फोरलेन मार्ग भारत-नेपाल के बीच व्यापार, रणनीतिक और सामरिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। पहले इस पर 177 करोड़ रुपये खर्च होने थे, लेकिन भू-तकनीकी कारणों और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से इसकी लागत बढ़कर अब 250 करोड़ रुपये तक पहुँच सकती है।
2. 3.06 किमी का बहुउद्देशीय कॉरिडोर
यह सड़क बनबसा से नेपाल सीमा तक 3.06 किमी लंबी होगी। मार्ग में एक फ्लाईओवर, एक बड़ा पुल और दो छोटे पुलों का निर्माण प्रस्तावित है।
3. बाढ़ बनी निर्माण में बाधा
मार्च 2023 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन बाढ़ जैसे प्राकृतिक संकटों के चलते अब इसका लक्ष्य 2027 कर दिया गया है।
4. भूमि हस्तांतरण पूर्ण
NHAI को परियोजना के लिए 7.28 हेक्टेयर भूमि विधिवत हस्तांतरित की जा चुकी है। निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
5. CM का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह मार्ग केवल एक सड़क नहीं, बल्कि उत्तराखंड के लिए आर्थिक समृद्धि और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी की नई राह है।” उन्होंने निर्देश दिए कि काम में देरी न हो, गुणवत्ता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता रहे।
नेपाल से जुड़ने वाला यह ड्रायपोर्ट मार्ग न सिर्फ भारत-नेपाल व्यापार को नई दिशा देगा, बल्कि उत्तराखंड को भी अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक नक्शे पर मजबूत स्थान दिलाएगा। मुख्यमंत्री धामी के निरीक्षण ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को नई ऊर्जा दी है।