आईएएनएस : देशभर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से घबराने की जरूरत नहीं होने की बात कही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस नया नहीं है और हल्के संक्रमण का कारण बनता है। हालांकि, शिशुओं, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह निमोनिया जैसी जटिलताएं पैदा कर सकता है।
डॉ. रणदीप गुलेरिया की सलाह: एंटीबायोटिक्स नहीं, सही पोषण और आराम से होगा इलाज
AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि HMPV के लिए एंटीबायोटिक्स का कोई महत्व नहीं है। यह एक वायरल संक्रमण है, जो आमतौर पर खुद ही ठीक हो जाता है। उन्होंने लोगों से पर्याप्त पानी पीने, पौष्टिक भोजन लेने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी है। साथ ही बुखार और शरीर दर्द के लिए लक्षणों के अनुसार दवा लेने को कहा।
बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए सावधानी जरूरी
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर बच्चों को बुखार, खांसी और सर्दी है, तो उन्हें 5-7 दिनों तक घर पर रखें ताकि संक्रमण न फैले। उन्होंने मास्क पहनने, नियमित हाथ धोने और कोविड-19 के दौरान सीखी गई सावधानियों का पालन करने की सलाह दी।
HMPV के कुल 7 मामले सामने आए
अब तक कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2 और गुजरात में 1 मामला रिपोर्ट हुआ है। यह सभी मामले 3 महीने से 13 वर्ष तक के बच्चों में देखे गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिक्रिया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने वीडियो संदेश में कहा कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था और यह सर्दियों में अधिक सक्रिय रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
“सावधानी और सही जीवनशैली अपनाकर HMPV से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह मानें और घबराने के बजाय बचाव के उपाय करें।”