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शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को दिये निर्देश, समर्थ पोर्टल की खामियां शीघ्र होंगी दूर

देहरादून | प्रदेश में उच्च शिक्षा के अंतर्गत आने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकार द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। इसके लिये उच्च शिक्षा निदेशालय के साथ ही सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा पिछले परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करने व प्रवेश प्रक्रिया को शैक्षणिक कैलेंडर के अनुरूप पूर्ण करने को कहा गया है ताकि समय पर पठन-पाठन शुरू किया जा सके। भारत सरकार द्वारा संचालित समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिये उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। 

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज यमुना कलॉनी स्थित अपने शासकीय आवास पर उच्च शिक्षा विभाग की बैठक ली। जिसमें उन्होंने एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव व एक दिक्षांत के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व निदेशक उच्च शिक्षा को राज्य सरकार द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर को सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिये।

साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षा परीणाम शीघ्र घोषित करते हुये प्रवेश प्रक्रिया को नियत समय के अंतर्गत पूर्ण करने को कहा। डा. रावत ने कहा कि समर्थ पोर्टल के माध्यम से परीक्षा परिणाम घोषित करने व प्रवेश प्रक्रिया सम्मपन्न कराने में आ रही दिक्कतों का शीघ्र समाधान करा लिया जायेगा। इसके लिये उन्होंने मौके पर ही शासन के उच्चाधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के साथ ही एनसीसी, एनएसएस, रोवर रेंजर्स के गठन के साथ ही अन्य सामाजिक पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये ताकि युवाओं को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही नैतिक व सामाजिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा का भी बेहतर ज्ञान हो। विभागीय मंत्री ने लोक पर्व हरेला पर प्रत्येक शिक्षण संस्थान में 20-20 पौधे रोपे जाने का अह्वान किया। 

राज्य में निजी कोचिंग सेंटरों के संचालन को बनेगी पॉलिसी

प्रदेश में निजी कोचिंग सेंटरों के संचालन के लिये राज्य सरकार नई पॉलिसी तैयार करेगी। इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग व विद्यालयी शिक्षा के अधिकारियों के साथ बैठक में सैद्धांतिक सहमति बन गई है। शीघ्र ही हितधारकों के साथ बैठक कर उनसे भी सुझाव ले लिये जायेंगे, ताकि छात्र-छात्रों एवं कोचिंग संचालकों दोनों के हितों को सुरक्षित किया जा सके। 

 

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